Friday 29 April 2011

यह कैसी लोकपाल समिति?


डॉ. कन्हैया त्रिपाठी
लोकपाल बिल के लिए अन्ना हजारे ने आमरण अनशन किया। वह भ्रष्टाचार को मिटाना चाहते हैं। उनको पहले वैयक्तिक साधुवाद! अन्ना हजारे दिल से बहुत ही अच्छे हैं। वह किसी तरह की राजनीति से प्ररित हैं, ऐसा कोई आज की तारीख में नहीं कह सकता है। अन्ना हजारे के साथ बैठे कुछ लोगों पर जरूर कुछ लोगों का संदेह है। वह साथ के लोग कहीं न कहीं अपनी राजनीति, अपना कद इसी गंगा में नहाकर ऊँचा कर लेना चाहते हैं। कुछ लोगों की बात बन भी गयी। कफद लोग फोटो खिंचवा लिए अपने आने वाली नश्लों को बताने के लिए कि मैं भी अन्ना का सिपाही, उनकी दाहिनी बांह वगैरह, वगैरह था। खैर, यह कोई बड़ी बात नहीं है। यह तो प्रत्येक आन्दोलन में कुछ लोगों द्वारा किया जाता है।
मेरा कुछ प्रश्न है जिसे आज का भारत पूछ सकता है। क्योंकि जिन लोकपाल विधेयक के लिए यह आन्दोलन किया गया, उसका मुख्य उददेश्य है-भ्रष्टाचार पर काबू। सरकार चाहती थी या नहीं चाहती थी, यह हम नहीं तय कर सकते। सरकार के ही तरफ से संसद सदन शुरू होने से पहले यह बात आयी थी  िकइस बजट सत्र में लोकपाल विधेयक भी आएगा जो पिछले कुछ दिनों से लम्बित है। फिलहाल वह नहीं पेश किया जा सका और सरकार को अन्तत: घेरकर उसे लाने के लिए अन्ना हजारे आगे आए।
लोकपाल बिल के लिए अब एक समिति बना दी गयी है जिसके दस सदस्य हैं। इनके बीच रोज कुछ कटाक्ष किए जा रहे हैं। कोई किसी से पद से हटने के लिए कह रहा है तो कोई यह कह रहा है कि इससे कोई भ्रष्टाचार नहीं रुकने वाला है। सबसे दिलचस्प बात यह है कि इस समिति के जो दस सदस्य हैं, उनका नाम इस प्रकार है-प्रणब मुखर्जी, कपिल सिब्बल, वीरप्पा मोइली, पी. चिदम्बरम्, सलमान खुर्शीद, यह सभी सरकार की ओर से प्रतिनिधि हैं। तथाकथित समाज के प्रतिनिधि हैं-अण्णा हजारे, अरविन्द केजरीवाल, शांति भूषण और संतोष हेगड़े।
जी, दस सदस्यीय समिति के यह नाम हैं जो भारत के एक अरब इक्कीस करोड़ जनता का प्रतिनिधित्व करते हुए हमारे लोकपाल बिल को लाएंगे। एक लोकायुक्त बैठाएंगे और इनका मानना है कि इससे भ्रष्टाचार खत्म होगा। हम सरकार को घेर सकेंगे। इसमें से जो सरकार के प्रतिनिधि हैं वह इस पर सहमत नहीं हैं और फिर भी सरकार की ओर से कार्य करेंगे।
इस लोकपाल बिल के जो सदस्य नामित हुए हैं, वह लोकतांत्रिक हैं। वह लोकतंत्र जानते हैं। वह लोतंत्र के पैरोकार हैं। वह देश के भ्रष्टाचार को समाप्त करना चाहते हैं। लेकिन उनसे एक प्रश्न है मेरा भारत की जनता की ओर से कि क्या जो समिति बनी है उसमें कोई महिला सदस्य है? क्या कोई नव युवक है? क्या कोई आदिवासी है? नेता जी लोग हैं और रिटायर्ड स्वघोषित समाजसेवी लोग हैं। जब आधी आबादी का प्रतिनिधत्व करने वाली महिला सदस्य नहीं हैं तो कैसा लोकतंत्र? जब भारत की जनता को यह पता है कि भारत नव जवानों के बल पर आगे बढ़ रहा है। यहां की 50 प्रतिशत से अधिक आबादी नव युवकों की आबादी है, वह नहीं हैं तो कैसा लोकतंत्र? अब देश के कुछ 60 पार कर चुके लोग लोकपाल बिल और लोकायुक्त बैठाएंगे तब इस देश का भ्रष्टाचार खत्म हो जाएगा।
जब यह अनशन चल रहा था तभी कोई फेसबुक पर लिखा था कि यह हाई क्लास समिति बनाने और उसमें जगह पाने की कोशिश हो रही है, बाकी कुछ नहीं। वह लगभग शत-प्रतिशत सच निकला। क्यों नहीं अन्ना हजारे बोले कि नहीं, इसमें कम से कम दो तिहाई महिला सदस्य बनाए जाएंगे। मैं खुद इस समिति में नहीं रहूँगा। सरकार के लोग रहेंगे लेकिन उनकी छवि विल्कुल साफ सुथरी होगी? क्यों उनक ेअब सम्पत्तिा के घोषणा करने के कलए सिफारिश की जा रही है? और सबसे बड़ा प्रश्न यह कि इसमें नवयुवक क्यों शामिल नहीं हैं?
यह ऐसे सवाल हैं जो किसी जनान्दोलन की साख पर प्रश्नचिन्ह खड़े करते हैं। अन्ना हजारे व्यक्तिगतरूप् से बहुत ईमानदार हैं लेकिन उनका 70 के बाद वाला दिमाग क्लिक थोड़ा हल्का कर रहा है। उनके दाहिने-बाएं जो कहेंगे वह उसे मीडिया में जारी कर देंगे। मुझे तो शक है कि कोई देश का अच्छा, ईमानदार व्यक्ति लोकायुक्त बन सकेगा।
भारत के लिए यह शर्मनाक है  िकवह महिलाओं को दरकिनार करके कोई रणनीति बनाता है। कोई मसौदा पारित करता है। इससे वह न तो एक लोकतांत्रिक भारत की छवि प्रस्तुत करता है और न ही उसकी अपनी छवि मजबूत हो पाती है। भारत के जनान्दोलनकर्ता भी इससे निजात दिलाने में कामयाब नहीं हो सके। मौजूदा समिति इस बात की एक सशक्त दलील है। भारत का युवा और आधी आबादी से वंचित समित प्रतिनिधित्व से गठित लोकपाल बिल और लोकायुक्त से भारत का भ्रष्टाचार मिटेगा, यह वास्तव में आज संदेहपूर्ण है। फिलहाल, जैसा कि प्राय: होता है। औपचारिक प्रयास तेज हो चुके हैं। आपसी सौहार्द से यदि कोई विकल्प अगर सकारात्मक आएगा तो खुशी होगी भारत की जनता।


 पता: महात्मा गांधी अन्तरराष्ट्रीय हिन्दी विश्वविद्यालय, गांधी हिल्स, वर्धा-442001 (महा.)।
ईमेल: hindswaraj2009@gmail.com
Residential Address: Maheshpur, Azamgarh-276137(UP). Mo. 09765083470


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