Thursday 11 December 2014

विजन एवं संकल्प के साथ राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी

विजन एवं संकल्प के साथ राष्ट्रपति



डाॅ. कन्हैया त्रिपाठी



राष्ट्रपति भवन में जब से प्रणब दा आए हैं वहां पर कुछ अभिनव कार्यहो रहा है खासकर राष्ट्रपति भवन के सजावट, उसके सौंदर्य और वहां कार्य कर रहे कर्मचारियों के लिए। इसके पूर्व राष्ट्रपति श्रीमती प्रतिभा पाटील ने राष्ट्रपति भवन में कुछ नया करने का प्रयास किया था। इसका तो मैं प्रत्यक्ष गवाह हूँ वहां के सभी कर्मचारी और रहवासी प्रतिभा जी के नए निर्माण आदि की प्रशंसा करते थे कि मैडम के आने के बाद राष्ट्रपति भवन में काफी कुछ बदला है। वैसे राष्ट्रपति भवन में आने वाले राष्ट्रपतियों का अपना अलग अंदाज रहा है। लेकिन अब प्रणब दा के आने के बाद राष्ट्रपति भवन में कुछ नवोन्मेषी, विचारशील कार्य नए तरीके से हुआ जैसे लाइब्रेरी एक उसकी बड़ी मिसाल है। दरअसल पूरी तरीके से सक्रिय प्रणब मुखर्जी अपने तरीके से राष्ट्रपति भवन देखना चाहते हैं। उनके देखने और महसूस करने का अपना सौंदर्यबोध है। उनके जीवन्त जीवनशैली में निश्चित ही राष्ट्रपति भवन नए आधुनिक तकनीकी और अभिनव विचार के साथ दुनिया के अद्भुत शान के रूप में याद किया जाएगा, अगर हम ऐसा कहें तो कोई अतिश्योक्ति नहीं होगी। इसी कड़ी में 11 और 12 दिसंबर 2014 को अनेक नए कदमों की शुरूआत राष्ट्रपति में होने जा रहा है। इसकी शुरुआत राष्ट्रपति जी स्वयं करेंगे। इनमें 11 दिसंबर 2014 को समागमनाम का प्रोग्राम है। दरअसल, समागम प्रेजीडेंट एस्टेट में रहने वाले वरिष्ठ नागरिकों के लिए एक सामुदायिक पहल है जिसके तहत सभी वरिष्ठ नागरिकों को नियमित आधार पर मुफ्त स्वास्थ्य जांच कराने और मनोरंजन संबंधी गतिविधियों में शामिल होने का अवसर देगा।आर्ट हेरिटेज ऑफ राष्ट्रपति भवन, इसमें राष्ट्रपति भवन की पेंटिंग्स की 113 से अधिक उच्च गुणवत्ता वाली तस्वीरें और कुछ चुनी हुई कलाकृतियों को मिलाकर एक इलेक्ट्रॉनिक कला सूची को भारत के राष्ट्रपति की वेबसाईट में शामिल किया जाएगा, यह अपने आप में अद्भुत कदम होगा। इस कदम से राष्ट्रपति भवन और उसकी कलाकृतियों के संग्रह को दुनिया भर के लोगों के लिए खोल दिया जाएगा। इसके साथ ही प्रेजीडेंट एस्टेट स्थित डॉक्टर राजेन्द्रप्रसाद सर्वोदय विद्यालय में वित्तीय साक्षरता महोत्सव के साथ एक साक्षरता केंद्र तथा वित्तीय पुस्तकालय खोला जाएगा।डॉक्टर राजेन्द्रप्रसाद सर्वोदय विद्यालय में छात्र और प्रेजीडेंट एस्टेट में रहने वाले लोगों को वित्तीय सहायता साक्षरता केंद्र में भारतीय स्टेट बैंक द्वारा चलाई जा रही डमी बैंकिंग और साक्षरता कक्षाओं का इस्तेमाल करते हुए वित्तीय साक्षरता का प्रशिक्षण दिया जाएगा। नए विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी युग में भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम (एनटीसीआई) एक वित्तीय पुस्तकालय बनाएगा जहां छात्रों और अध्यापकों की दिलचस्पी को बनाए रखने के लिए संसाधन उपलब्ध होंगे, यह राष्ट्रपति जी की पहल है। इस महोत्सव के दौरान किताबें खरीदने के लिए डमी कार्ड के जरिए प्रत्येक छात्र को 25 रुपये का ऋण मिल सकेगा। छात्रों, बच्चों और अभिभावकों के लिए वित्तीय खेल, क्विज़ और अन्य गतिविधियां आयोजित की जाएंगी।



इसके साथ ही डॉक्टर आरएमएल अस्पताल के नजदीक कर्मचारियों के लिए टाईप दो व तीन मकानों के साथ प्रेजीडेंट्स एस्टेट आवासीय परिसर है। इसमें कर्मचारियों के लिए राष्ट्रपति जी द्वारा टाईप द्वितीय एवं तृतीय मकानों के साथ एक आवासीय परिसर की आधारशिला रखी जा रही है। ये परिसर आरएमएल अस्पताल के नजदीक जी. प्वाइंट पर बनाने का प्रस्ताव है। इसमें दस मंजिला दो रिहायशी टॉवर बनाये जाने हैं जिसमें कुल 72 मकान होंगे।आरबी साइकिल पहलसुनकर आश्चर्य होगा। वस्तुतः राष्ट्रपति की एक नई पहल है। इसके तहत प्रेजीडेंट्स एस्टेट के भीतर मोटर वाहनों के इस्तेमाल को कम करने के लिए एस्टेट में चार स्थानों पर 50 साइकिलें उपलब्ध कराई जाएंगी ताकि वहां के निवासियों के बीच फिटनेस और स्वास्थ्य को बढ़ावा दिया जा सके और पर्यावरण मुद्दों के बारे में जागरूकता पैदा की जा सके।राष्ट्रपति भवन परिसर में 12 दिसंबर, 2014 को कुछ और चीजें होंगी। जैसेशिष्टाचार संबंधी समारोहों के लिए एक नया हॉल बन चुका है। राष्ट्रपति शिष्टाचार संबंधी महत्वपूर्ण समारोहों के आयोजन के लिए बनाए गए हॉल का उद्घाटन करेंगे। यह हॉल राष्ट्रपति भवन के सांस्कृतिक केंद्र का हिस्सा होगा जहां एक कला दीर्घा, बहुउद्देशीय हॉल और ऑडिटोरियम है। वर्तमान ऑडिटोरियम के विस्तार के रूप में बनाया गया, 55मीटर लम्बा और41 मीटर चैड़े हॉल 15 अगस्त के ‘एट होम’ समारोह और खराब मौसम के दौरान भारत यात्रा पर आए विदेशी मेहमानों की जरूरतों को ध्यान में रखकर बनाया गया है। इस हॉल की आधारशिला 18 दिसंबर, 2013 को रखी गई थी और यह एक वर्ष में बनकर तैयार हो गया। राष्ट्रपति जी द्वारा इस प्रकार इन्फ्रास्ट्रक्चर को लेकर पहल निःसंदेह राष्ट्रपति भवन को नई दिशा देने की पहल है। राष्ट्रपति भवन के रख-रखाव एवं उसके सौंदर्य के साथ उस परिसर में रह रहे कर्मचारियों की जीवनशैली को नयापन देना एक विजनरी व्यक्तित्व की मंशा है न कि यह सब अपने आप हो रहा है। राष्ट्रपति की योजनाएं उसके विजन एवं उसके स्वप्न पर आधारित होती हैं। एक ओर उच्च शिक्षा में गुणवत्तापूर्ण विकास की ओर राष्ट्रपति सक्रिय हैं तो वहीं दूसरी ओर वैश्विक छवि भी बढ़ाने में राष्ट्रपति जी की प्रबल संकल्पशक्ति है। राष्ट्रपति भवन के भीतर और बाहर चमकते भारत की तस्वीर के लिए राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी आशन्वित है। यह संकल्प निश्चित ही भारतीय गरिमा के लिए वरदान लगता है।